सद्गुरु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज के सानिध्य में पितृ पक्ष के अवसर पित्रमोक्ष साधना शिविर का आयोजन होने वाला है. यह आयोजन 01 अक्टूबर व 02 अक्टूबर 2024 को वाराणसी के सद्गुरु धाम आश्रम डोमरी में किया जाएगा. इस साधना शिविर में भाग लेकर आप श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के माध्यम से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की कामना कर सकते हैं और सद्गुरु के सानिध्य में पूजा अनुष्ठान के द्वारा खुद को रोग, शोक, आपसी लड़ाई जैसे नकारात्मक प्रकोपों से भी बचा सकते हैं.
पितृ पक्ष में क्यों करना चाहिए अपने पितरों को संतुष्ट ?
पितृ पक्ष में अपने मृत पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जीवन में तीन ऋण मुख्य है. ‘देव ऋण’, ‘ऋषि ऋण’, और ‘पितृ ऋण’. इनमें से देव ऋण यज्ञादि द्वारा, ऋषि ऋण स्वाध्याय और पितृ ऋण को श्राद्ध द्वारा उतारा जाता है. इस ऋण का उतारा जाना जरूरी होता है क्योंकि जिन माता-पिता ने हमें जन्म दिया, हमारी उम्र, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए कार्य और तकलीफें उठाईं उनके ऋण से मुक्त हुए बगैर हमारा जन्म निरर्थक है. ऐसा न होने पर अतृप्त इच्छा लेकर लौटे पितर दुष्ट या बुरी शक्तियों के अधीन हो जाते हैं, जिसके चलते बुरी शक्तियों द्वारा पितरों के माध्यम से परिवारजनों को कष्ट देने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. जिस वजह से घर में कलह, झगड़े, पैसे का न रुकना, नौकरी का अभाव, गंभीर बीमारी, हालात अनुकूल होने के बाद भी शादी का न होना या टूटना, बच्चे न होना, या विकलांग बच्चों का होना आदि परेशानियां होने लगती हैं. लेकिन पितृपक्ष में यदि हम पित्रमोक्ष साधना शिविर जैसे अनुष्ठानों में हिस्सा ले और अपने पितरों का श्राद्ध कर उनकी अतृप्त इच्छाओं के पूर्ण करने के लिए अनुष्ठान करें तो उनकी मुक्ति के साथ ही परिवारजनों को भी उनकी तकलीफों से मुक्ति मिल जाती है.
पित्रमोक्ष साधना शिविर के लिए शुल्क
इस दो दिवसीय पितृमोक्ष साधना शिविर में भाग लेने के लिए प्रति व्यक्ति 13 हजार रुपये और दंपति के लिए 17 हजार रुपये का शुल्क रखा गया है. इस शुल्क में पूजा-अनुष्ठान के साथ रहने और भोजन की व्यवस्था भी शामिल है.
पितृमोक्ष साधना शिविर
01 अक्टूबर – 02 अक्टूबर 2024
सद्गुरु धाम आश्रम डोमरी (वाराणसी)
रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क करें: 9968430203