बाराडेरा : सद्गुरु धाम आश्रम में मनाई गई हरियाली अमावस्या

छत्तीसगढ़ के सद्गुरु घाम आश्रम बाराडेरा में हरियाली अमावस्या के अवसर पर खास आयोजन देखने को मिला | आश्रम की साध्वी मां अन्नतेश्वरी जी, आश्रम के महात्मा रामकृष्ण जी और मां शारदा जी ने आश्रम की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए हवन यज्ञ भंडारे का विशेष आयोजन करवाया | इस आयोजन में सद्विप्र सुनीता दीदी के साथ अन्य सद्विप्र सदस्यों का भी विशेष सहयोग रहा | इस मौके पर मां अन्नतेश्वरी जी ने सद्गुरु के संदेश को सुनाते हुए सद्गुरु कबीर सेना से पहुंचे सैनिकों और सदविप्र समाज सेवा के सदस्यों को अपनी धर्म संस्कृति के विस्तार के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प भी दिलवाया |

क्या होती है हरियाली अमावस्या ?

हरियाली अमावस्या हरियाली तीज से तीन दिन पहले आती है | सनातन धर्म में इसे अत्यंत शुभ माना जाता है | इस दिन भगवान शिव की अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्त होती है | इसके अलावा इस पवित्र दिन पर वृक्षारोपण का भी विशेष महत्व दिया गया है |

भविष्य पुराण में लिखा है कि निसंतान लोगों के लिए वृक्ष ही संतान है | जो वृक्ष लगाते हैं उनके लौकिक – अलौकिक कर्म वृक्ष ही करते हैं, इसलिए जिनके संतान नहीं है उन्हें इस दिन वृक्ष अवश्य लगानी चाहिए | शास्त्रों के अनुसार, पीपल के वृक्ष में तीनों देव यानी ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है | हरियाली अमावस्या पर इसकी पूजा करने से शनि की महादशा से छुटकारा मिलता है.

Share the Post: