धर्मो रक्षति रक्षित:
ज्ञान, कर्म, भक्ति और योग को परिभाषित करने वाले श्रीमद्भागवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है। जिसमें धर्म और अर्धम की व्याख्या की गई है। इस…
स्वर योग साधना भारत की प्राचीनतम विधि है…जिसके प्रयोग से आप अपने घर-परिवार-समाज में प्रसन्नता पूर्वक रहते हुए सफलता प्राप्त कर सकते हैं…स्वर योग साधना केवल जीवंत स्वर-विद्य गुरु के सान्निध्य में रहकर ही फलित होती है…इस साधना में साधक अपने श्वास को माध्यम बनाकर, अपने दैहिक-दैविक-भौतिक तापों से मुक्त हो अध्यात्म के चरम पर पहुँचने की कला सीखता है…स्वर और जीवन के रहस्यों को स्वयं अनुभव कर जीव-जगत में रहते हुए, राजा की तरह विचरण करता है…
स्वर-साधना से हम भूत, भविष्य और वर्तमान को जान सकते हैं स्वरों के आधार पर हम अपने जीवन में बहुत से चीजों का निर्धारण कर सकते हैं |
नियमित रूप से की जाने वाली स्वर साधना एक योग की तरह होती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहते हुए दीर्घायु होता है |
स्वर साधना से हमारा शरीर शीतल प्रकृति का हो जाता है, जिससे हमें गर्मी और पित्त जनित रोगों से रक्षा होती है |
ज्ञान, कर्म, भक्ति और योग को परिभाषित करने वाले श्रीमद्भागवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है। जिसमें धर्म और अर्धम की व्याख्या की गई है। इस…
हमारा देश भारत अपनी विविधिताओं के जरिए कई तरह की कहानियों को समेटे हुए हैं। इसमें हिंदुस्तान को बंटने से लेकर लूटने तक और मंदिर-मस्जिदों…
कबीर से लेकर गुरु हरिकृष्ण साहिब और भगवान बुद्ध से लेकर गुरु नानक साहिब तक आपने कई संत और गुरु भक्तों की कहानी सुनी होंगी।…
अध्यात्म से जुड़े इस संसार में लोग जितना ध्यान पूजा पाठ कराने वाले पंडितों पर देते हैं। उतनी ही ध्यान उन तपस्वियों पर देते हैं…