स्वामीजी का उद्देश्य अत्यंत महत्वपूर्ण और मानवता के हित के लिए उत्कृष्ट है। उनकी ‘आत्ममोक्ष हेतु साधना’ की भावना में, वे मानव जीवन के उद्देश्य को समझते और संदेशों को अपनाते हुए, स्वयं को समर्पित करते हैं। उनका ध्यान वेदांत और आध्यात्मिकता की ओर है, जो व्यक्ति को आत्मज्ञान और मुक्ति की ओर ले जाता है। सद्गुरु के अनुसार ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना संसार में साधना का में कर रही है, जिसमें वे सभी मानव जीवों को एक परिवार के रूप में देखते हैं। उन्होंने सद्विप्र समाज की स्थापना की, जो समाज के हर वर्ग के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, और आध्यात्मिक विकास के लिए काम करता है। उनका संदेश था कि सभी मानव एक-दूसरे के साथ प्रेम, समर्पण, और सहयोग में जुड़े रहें, ताकि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज का निर्माण हो सके।
किसी भू भाग में अकाल, भूकंप या कोई भी घटना होने पर हमारी संस्था तन-मन-धन से सहयोग करती हैं। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में सद्विप्र कार्यकर्ता गरीब पिछड़े आदिवासी बच्चों को निः शुल्क शिक्षा भोजन, वस्त्र प्रदान करते हैं। प्रदूषण मुक्ति के लिए हर राज्य में वृक्षरोपण हो रहा हैं। गंगा सफाई अभियान, दत्तक पुत्त्री योजना, चिकित्सा शिविर, प्याऊ लगाना, गरीब कन्या विवाह, प्रतिक्षा खोज परीक्षा, एड्स एंव नशा मुक्ति अभियान, रक्त दान शिविर जैसी गतिविधियों द्वारा समाज की सेवा निरंतर की जा रही हैं। ताण्डव, शिवकीर्तन, सागर्भ, प्राणायाम, स्वरोदय साधना, खेचरी मुद्रा, चरम निर्देश, नाटक, सक्रिय साधना, नाड़ी शोधन, चक्र शोधन, कुण्डलिनी जागरण द्वारा आध्यात्मिक जागृति का कार्य निरंतर हो रहा हैं। इन कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं के माध्यम से, गरीब और पिछड़े वर्गों को सामाजिक, आर्थिक, और स्वास्थ्य सेवाओं तक की पहुंच प्राप्त होती है। वृक्षारोपण, प्रदूषण मुक्ति, जल संरक्षण, स्वच्छता, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में संस्था की गतिविधियां समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सद्विप्र समाज का काम समाज में प्रेरणा और सहानुभूति का उत्कृष्ट उदाहरण है।
सद्विप्र समाज सेवा की स्थापना भारत के उन्नीस राज्यों दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगड़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, पं. बंगाल, उत्तरांचल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आसाम, अरुणांचल प्रदेश, चंडीगढ़, उड़ीसा, केरल तथा अन्तर राष्ट्रिय देशों कनाडा, आस्ट्रेलिया, यू. के., स्वीट्ज़रलैंड, स्पेन, अमेरिका, थाईलैंड में की जा चुकी हैं।