कैसे हुई सनातन धर्म की उत्पत्ति ? (How did Sanatana Dharma originate?)
सनातन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह एक शाश्वत सत्य है जो इस संसार में हमेशा बना रहेगा। लेकिन क्या आपको पता है…
स्वर योग साधना भारत की प्राचीनतम विधि है…जिसके प्रयोग से आप अपने घर-परिवार-समाज में प्रसन्नता पूर्वक रहते हुए सफलता प्राप्त कर सकते हैं…स्वर योग साधना केवल जीवंत स्वर-विद्य गुरु के सान्निध्य में रहकर ही फलित होती है…इस साधना में साधक अपने श्वास को माध्यम बनाकर, अपने दैहिक-दैविक-भौतिक तापों से मुक्त हो अध्यात्म के चरम पर पहुँचने की कला सीखता है…स्वर और जीवन के रहस्यों को स्वयं अनुभव कर जीव-जगत में रहते हुए, राजा की तरह विचरण करता है…
स्वर-साधना से हम भूत, भविष्य और वर्तमान को जान सकते हैं स्वरों के आधार पर हम अपने जीवन में बहुत से चीजों का निर्धारण कर सकते हैं |
नियमित रूप से की जाने वाली स्वर साधना एक योग की तरह होती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहते हुए दीर्घायु होता है |
स्वर साधना से हमारा शरीर शीतल प्रकृति का हो जाता है, जिससे हमें गर्मी और पित्त जनित रोगों से रक्षा होती है |
सनातन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह एक शाश्वत सत्य है जो इस संसार में हमेशा बना रहेगा। लेकिन क्या आपको पता है…
भगवान बुद्ध ने कहा था कि यह संसार दुखों से भरा हुआ है. क्योंकि यहां रहने वाला इंसान हर चीज को खुद में बांधना चाहता…
ये एनं वेत्ति हंतारं, यश्चैनं मन्यते हतम्उभौ तौ न विजानीतो, नायं हन्ति न हन्यते अर्थात जो इस आत्मा को मारनेवाला समझता है और जो इसको…
मृत्यु को जीवन का अंतिम सत्य कहा गया है। उसको लेकर हमारे समाज के अधिकतर लोग खौफ में रहते हैं। ये डर इस हद तक…